वानी

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मैं डरती थी

चैप्टर 39 मैं डरती थी

...... वेलकम बैक फ्रेंड्स.....

शौर्य मीरा को उठा कर बाथरूम मे ले जाता है मीरा शॉक हो कर शौर्य को देखती है और कहती है "प्लिज़ जाने दीजिये"

शौर्य उसे घूर कर देखता है "अगर तुम चुप नही हुई तो अच्छा नही होगा" मीरा अपनी शर्ट कसके पकड़ लेती है और थोड़ा तेज आवाज़ मे कहती है "आप ऐसा नही कर सकते" शौर्य कहता है "तुम बीवी हो मेरी मै ऐसा कर सकता हु"

मीरा अपनी नज़रे झुका लेती है और बहाना बनाते हुए कहती है "लेकिन वो शादी सिर्फ अपने की है मै तो होश मे नही थी ना आप मुझसे झूठ भी तो बोल सकते है" उसकी बात सुन शौर्य का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है "क्या कहा तुमने मै झूठ बोल रहा हु" फिर वो उसे खीचते हुए बाथरूम से बाहर लाता है और अलमारी से एक एक सिंदूर की डब्बी निकालकर उसकी मांग भर देता है फिर उसके गले मे पहना वो काले मोतीयों की माला तोड़ देता है और दूसरा मंगलसूत्र उसके गले मे बांध देता है फिर उसे एक मैरेज सर्टिफिकेट दिखता है "ध्यान से पढ़ो इसे"

"लिगलि तुम मेरी पत्नी हो और रीति रीवाज़ों के साथ भी समझी"

फिर उंगली दिखाते हुए कहता है "दुबारा मेरे प्यार और हमारे रिश्ते पर सवाल मत उठाना" मीरा डरी सेहमी बस उसे देख रही थी शौर्य को उसे ऐसे देख बहुत बुरा लगता है वो खुद को शांत करने के लिए बालकनी मे चले जाता है मीरा खुद को मिरर मे देखती है उसके चेहरे पर अपने आप एक मुस्कान आ जाती है वो एक नज़र बालकनी मे देखती है और उस तरफ बढ़ जाती है शौर्य खडा खुद को शांत करने की कोशिश कर रहा था जब उसे एहसास होता है की कोई उसके पास आकर खडा हुआ है तो वो समझ जाता है की ये मीरा है

"मै मेड को भेज देता हु वो तुम्हारी मदद कर देगी" वो वहाँ से जाने लगता है तभी मीरा उसे आवाज़ देती है "मेरे पति को पसंद नही मुझे कोई और देखे," वो उसके पास जाती है और उसके पीछे खड़े हो जाती है और उसकी पीठ को देखते हुए कहती है "वो भले एक औरत ही क्यों ना हो" उसकी बात सुन शौर्य झटके से पलट कर उसे गले लगा लेता है उसकी इस हरकत पर मीरा शॉक हो जाती है लेकिन फिर वो भी उसकी बाहों मे खुद को छुपा लेती उसके दोनो हाथ शौर्य के सीने पर थे और शौर्य का एक हाथ उसकी कमर पे दूसरा उसकी पीठ पर मीरा खुद को उसकी बाहों मे छुपाये हुए कहती है

दस साल पुरे दस साल इस सुकून, इस एहसास का इंतज़ार किया है"

"आपको तो अंदाज़ा भी नही होगा की कोई आपके इंतज़ार मे है"

"आपको पता है मै हमेशा इस बात से डरती थी की कही आप किसी और को अपनी जिंदगी मे शामिल ना कर ले "

"मै आपसे मिलने से भी डरती थी की आप मेरे बारे मे क्या सोचेंगे "

"मै डरती थी आपको खोने से "

"मै डरती थी आपसे मिलने से"

"मै डरती थी मै बहुत डरती थी"

"मैंने कई रातें जग के गुज़ार दी"

आप को लगता है ना मै "आपसे प्यार नहीं करती" लेकिन मेरा "कान्हा जानता है" आपके सिवा "मीरा ने किसी मर्द को अपनी जिंदगी मे नही आने दिया"

शौर्य शांति से उसकी बाते सुने जा रहा था वो मीरा को खुद से अलग करता है और उसका चेहरा अपने हांथो मे भर लेता है और कहता है "मुझे तुमसे कोई सफाई नही चाहिए" फिर उसकी आँखो मे देखते हुए कहता है "तुम तब भी मेरी थी तुम आज भी मेरी हो"

तुम और राहुल मेरी वो ,खुशियाँ हो जिसे मै किसी को नही छिनने दूंगा, और आज के बाद तुम दोनो को कोई भी ,तकलीफ नही दे सकता"

शौर्य उसे फिर से गले लगा लेता है वो दोनो ऐसे ही खड़े थे तभी कोई दरवाजा नॉक करता है दरवाज़े की आवाज़ सुन दोनो अलग होते हैं शौर्य दरवाज़ा खोलता है तो सामने राहुल खडा था

शौर्य मुस्कुरा कर कहता है "आओ बेटा" ..राहुल अंदर आता है और मीरा को देख कहता है "माँ प्रिंसिपल सर का फोन है" और फोन मीरा की तरफ बढ़ा देता है मीरा फोन लेती उससे पहले शौर्य फोन ले लेता है और बात करने लगता है "जी प्रिंसिपल सर कहिये"

प्रिंसिपल सर सामने किसी आदमी की आवाज़ सुन पूछते हैं "आप कोन बोल रहे हैं " शौर्य उसी तरह कहता है "मै राहुल का डेड हु बताइये" प्रिंसिपल सर शोक हो जाते हैं फिर खुद को संभालते हुए कहते है कल मीटिंग है मीरा जी नही आ पाएंगी इसलिए मुझे उनसे बात करनी थी"

शौर्य एक नज़र दोनो को देखता है जो आँखे बड़ी करके उसे ही देख रहे थे फिर कहता है "हम कल आ जायेंगे" और फोन रख देता है फिर राहुल से कहता है "तुम अपने स्कूल की बाते मुझसे भी कह सकते हो" वो राहुल को बैठने का इशारा करता है राहुल वही बेड पर बैठ जाता है शौर्य भी उसके पास बैठ जाता

"तुम मुझसे भी अपनी प्रोब्लम अपनी बाते शेअर कर सकते हो" राहुल उसे देख कर अपनी गर्दन हाँ मे हिला देता है शौर्य फिर पूछता है "कल कितने बजे मीटिंग है" राहुल पहले मीरा को देखता है फिर शौर्य को देखते हुए कहता है दस बजे

"ठीक है साथ मे चलेंगे" राहुल एकसाइटेड होते हुए पूछता है "क्या सच मे" शौर्य उसके सर पे हाथ रखके कहता है हाँ राहुल उसके गले लग जाता है थोड़ी देर बाद राहुल अलग होता है वो पुरे रूम को देखने लगता है उसके चेहरे पर कंफ्यूजन साफ दिख रहा था वो शौर्य से कहता है "ये माँ के बचपन की पिक है" शौर्य हाँ मे गर्दन हिला देता है राहुल फिर कहता है "माँ की ज़ादा तर फोटो मे उनके हाथ मे लॉलीपॉप है" शौर्य हस्ते हुए कहता है "तुम्हारी माँ को लॉलीपॉप बहुत पसंद था और उसे खाते टाइम ये और ज़ादा क्यूट लगती थी"..

राहुल की नज़र एक तस्वीर पर जाती है वो उस तस्वीर को बहुत ध्यान से देख रहा था  वो उस तस्वीर की तरफ इशारा करते हुए मीरा को दिखा कर कहता है "माँ इसमे आप हो मासी माँ है उन्हे मै जनता हु लेकिन ये आप दोनो के साथ कौन है"

मीरा वो तस्वीर देख स्तब्ध हो जाती है

"आखिर कोन है उस तस्वीर मे जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ "

बाय बाय वानी #कहानीकार प्रतियोगिता

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